यूपी के बांदा में अन्नदाता दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. बीते दिनों बांदा में हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों के सपनों को उजाड़ दिया है. मामला बबेरू तहसील क्षेत्र का है, जहां तहसील क्षेत्र के भदेहदु, परतु का पुरवा, सहित दर्जनों मजरों में खेतों में कमर के बराबर पानी भरा हुआ है. किसानों की सैकड़ों बीघे में लगी धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. पानी भरने फसल सड़ गई है. खेतों में 3 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है. पीड़ित किसानों का कहना है कि एक तो हमने हजारों रुपये खर्च कर धान की बुआई की थी और बेड लगाई थी. अब भीषण बारिश में सब बर्बाद और चौपट हो गया.
किसानों ने कहा कि अफसरों से शिकायत तो की, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बस सड़क से देखकर लौट जाते हैं. प्रशासन ने पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की है. धान की फसल बर्बाद होने से हम भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. किसानों ने फसल खराबे को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है. हालांकि, समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर सभी SDM को जांच करके रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं.
किसान पीसी पटेल सहित अन्य किसानों ने बताया कि बीते दिनों हुई बारिश से खेतों में बाढ़ जैसे हालात हैं. खेत तालाब बन गए हैं. सैकड़ो किसानों की कई बीघा में बोई धान की फसल सड़ गई है. बर्बादी की स्थिति है. एक तरफ हजारों पैसे खर्च करके धान की बुआई की, अब धान की फसल सड़ने से किसान कर्ज और भुखमरी की कगार पर आ गया है.
पहले खेतों का पानी PWD की पुलिया से निकलता था, लेकिन सड़क चौड़ीकरण में पुलिया दबा दी गयी है, जिससे पानी नहीं निकल पा रहा है. किसानों ने कहा कि हमने इस मामले की शिकायत अफसरों से की थी, लेकिन अफसर मौके पर तो गए लेकिन सड़क से ही खानापूर्ति करके लौट गए. अभी तक खेतों में पानी भरा हुआ है. किसानों ने समस्या से परेशान होकर आंदोलन अनशन करने की चेतावनी दी है.
वहीं, मामले को लेकर बांदा के एडीएम राजेश कुमार ने कहा कि बीते दिनों तेज हवाओं के साथ भीषण बारिश हुई थी, कुछ जगह जलभराव की शिकायत आई है. इस मामले में हमने सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल की ड्यूटी लगाई है कि जहां-जहां जलभराव है. उसका मौके पर जाकर सर्वे करें और जांच रिपोर्ट बनाएं. प्रसाशन के द्वारा पानी निकासी की भी व्यवस्था की गई है. बारिश और नदी के बाढ़ की वजह से अगर किसी की क्षति हुई है तो नियमानुसार, उसका मुआवजा दिया जाएगा.
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